फिल्म मुन्नाभाई एमबीबीएस तो आपने देखी ही होगी। इसमें हीरो मरीजों को संगीत थेरेपी और शतरंज के सहारे राहत देता है। अब उसी तर्ज पर कानपुर के सरकारी अस्पतालों में ‘म्यूजिक थेरेपी’ देने युवा छात्रों की मंडली पहुंचेगी। आधुनिक वाद्य यंत्रों से लैस छात्र नियमित अस्पतालों में जाएंगे और मरीजों को उनकी पसंद का गीत-संगीत सुनाएंगे। भजन से लेकर फिल्मी नगमे तक, मरीज जो सुनना चाहेंगे, ये युवा पेश करेंगे। मरीज खुद भी चाहें तो गाने- बजाने में शामिल हो सकते हैं। इसके लिए युवाओं को जुटाने की पहल रेडक्रॉस सोसाइटी कर रही है। भारत में इलाज की प्राचीन तकनीक
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इंजीनियरिंग के प्रति घटा रुझान
देश में इंजीनियर बनने का सपना संजोने वाले युवाओं की संख्या तेजी से घट रही है। पिछले चार वर्षों में चार लाख से अधिक आवेदक घटे हैं। इसके विपरीत इंस्टीट्यूट की संख्या में इजाफा हुआ है। यही हाल उत्तर प्रदेश का भी है। यहां पिछले तीन वर्षों में 68 इंस्टीट्यूट बढ़े हैं तो करीब 22 हजार आवेदक घटे हैं। अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद की रिपोर्ट के मुताबिक देश में इंजीनियरिंग संस्थानों की संख्या में लगातार इजाफा हो रहा है लेकिन आवेदक घट रहे हैं। चार वर्षों में 4,08,949 आवेदक घट गए हैं। सबसे अधिक कमी पोस्ट ग्रेजुएट (पीजी) और
मिट्टी खाए बिना नहीं रह सकता यह 100 वर्षीय वृद्ध
झारखंड से एक अजीबोगरीब मामला सामने आया है। यहां एक 100 वर्षीय बुजुर्ग 89 सालों से मिट्टी खाकर जिंदा है। अब हाल कुछ यूं हो चला है कि जो पहले गरीबी के चलते मिट्टी खाने को मजबूर था, अब ये एक दिन भी बिना मिट्टी खाए रह नहीं सकता। मामला झारखंड के साहिबगंज का है। जहां 100 वर्षीय करू पासवान मिट्टी खाए बिना नहीं रह सकते। उनका कहना है कि उन्होंने 11 साल की उम्र में गरीबी की वजह से मिट्टी खाना शुरू किया था, बाद में वह उनकी आदत बन गई। करू के शरीर को अब मिट्टी की ऐसी